बहराइच। कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के मोतीपुर वन अंतर्गत मोतीपुर थाना क्षेत्र के ग्राम झाला व राजापुर कतर्निया की सीमा पर सोमवार के तड़के सुबह क्षेत्रीय ग्रामीणों द्वारा एक ग्रामीण के मेड़ पर तेंदुआ बैठा दिखाई दिया। तेंदुए को देखने के लिए भारी संख्या में क्षेत्रीय ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गई। वन विभाग की टीम व मोतीपुर पुलिस टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद भीड़ को काबू किया। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर घंटों मशक्कत के बाद बीमार तेंदुए को वन टीम द्वारा पिंजरे में कैद कर उपचार के लिए लखनऊ चिड़ियाघर भेज दिया गया।
जानकारी के मुताबिक मोतीपुर थाना क्षेत्र के ग्राम झाला निवासी विनोद कुमार खेती-बाड़ी के कार्य के लिए सोमवार के तड़के सुबह लगभग 6:00 बजे अपने खेत गया था। जहां उसे खेत के समीप तेंदुआ बैठा दिखा। तेंदुए को देख भयभीत ग्रामीण के शोर मचाने पर आसपास के खेतों में काम कर रहे क्षेत्रीय ग्रामीणों सहित काफी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गई। ग्रामीणों के शोर मचाने पर तेंदुआ उठकर पास स्थित गन्ने के खेत में सड़क के किनारे बैठ गया। तेंदुआ दिखने में काफी कमजोर व चलने में असमर्थ लग रहा था। ग्रामीणों के अनुसार तेंदुए के सर में घाव का निशान भी दिख रहा था। खेत में तेंदुए के बैठे होने की सूचना मिलने पर क्षेत्रीय ग्राम प्रधान राजेंद्र मौर्य व उन्ही के द्वारा मोतीपुर पुलिस व मोतीपुर वन टीम को दी गई। मौके पर पहुंची मोतीपुर पुलिस मोतीपुर वन टीम व स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद मौके पर उपस्थित भीड़ को नियंत्रित किया ।
वन टीम द्वारा तेंदुए को देखे जाने पर उसके बीमार स्थिति में होने की सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई। उच्चाधिकारियों के के निर्देश पर डीएफओ ज्ञान प्रकाश सिंह के निर्देशन में मोतीपुर वन क्षेत्राधिकारी आनंद प्रकाश आर्य ,ककरहा वन क्षेत्राधिकारी इरफान अंसारी ,डिप्टी रेंजर महेंद्र मौर्या ,डिप्टी रेंजर सत्रोहन लाल, एसटीपीएफ के एसआई सत्येंद्र कुमार आदि की टीम ने पशु चिकित्सकों की देखरेख में दोपहर लगभग 1:00 बजे घायल तेंदुए के सर पर कपड़ा डालकर कड़ी मशक्कत से उसे पिंजरे में कैद कर लिया। घायल तेंदुआ को वन टीम द्वारा रेंज कार्यालय मोतीपुर लाया गया जहां डॉक्टर विनोद भार्गव के नेतृत्व में तीन सदस्यीय पशु चिकित्सकों की टीम ने बीमार तेंदुए का परीक्षण किया। पशु चिकित्सकों के जांच के उपरांत उच्चाधिकारियों से परमिशन मिलने के बाद बीमार तेंदुए को इलाज के लिए वन टीम द्वारा लखनऊ चिड़ियाघर ले जाया गया है।