बहराइच। उत्तरप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तत्वाधान में शनिवार को महिला किसान पाठशाला का आयोजन पुरैना अमृतपुर में किया गया। इस अवसर पर ब्लॉक एंकर पर्सन नन्दकिशोर साह ने बताया कि रसायनों के अधिक प्रयोग ने जमीन को बंजर बना दिया है। इससे प्राकृतिक आपदाएं, ओलावृष्टि, तूफान, असमय वर्षा जैसी आपदाएं बढ़ती जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि किसानों को रसायनिक उर्वरक एवं कीटनाशक प्रयोग बंद करके जैविक खेती अपनाने की जरूरत है। अनुज कुमार ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण मनुष्य एवं जीव जंतुओं के जीवन पर बहुत विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इससे प्राकृतिक संतुलन डगमगा रहा है। अधिक वायु प्रदूषण के कारण मनुष्यों में आंखों की खुजली एवं श्वसन तंत्र जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं। कृषि क्षेत्र में लगातार उत्पादन भी घट रहा है। वहीँ, आशुतोष सिंह यंग प्रोफेशनल ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के अनुसार यदि ऐसे ही चलता रहा तो 1 दिन भारत की 85 प्रतिशत जनसंख्या कैंसर से पीड़ित हो जाएगी। जैविक खेती ही एकमात्र उपाय है जो मृर्दा की उर्वराशक्ति एवं प्राकृतिक संतुलन बचा सकती है।