बहराइच। कोर्ट के आदेश पर कर्तनिया वन्य जीव प्रभाग के वन दरोगा समेत पांच वनकर्मियों पर दस महीने बाद केस दर्ज कर लिया गया है। कोतवाली देहात के यादवपुर गांव निवासी बालकराम ने मार्च 2018 में थाना सुजौली में प्रार्थना पत्र देकर कर्तनिया रेंज के वनकर्मियों पर अवैध वसूली का आरोप लगाया था। प्रार्थना पत्र में दी गई शिकायत के मुताबिक वनकर्मियों द्वारा असलहे के दम पर डरा धमका कर बालकराम के बेटे के साथ जबरन वसूली की गई थी।
सुजौली थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद भी जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो पीड़ित ने न्यायालय की शरण ली। न्यायालय में बालकराम ने कहा कि पिछले वर्ष 15 व 16 को उसका लड़का अपने कृषि फार्म भवानीपुर में सो रहा था। इसी दौरान कर्तनिया रेंज के वन दरोगा अनिल कुमार अपने साथी यमुना प्रसाद, सकटू राम, हीरालाल व दुलारे यादव समेत उसके घर पहुंचे व असलहे के बल पर डरा धमका कर जबरन वसूली कर चले गये। पीड़ित ने जब इसकी शिकायत थाना सुजौली में की तो वन कर्मियों ने बालकराम के बेटे को दोबारा जबरन कतर्निया घाट वन रेंज में लाकर उसका मोबाइल व पैसा छीन लिया।
कोर्ट के आदेश पर धारा 156/3 के तहत सुजौली थाने में उपरोक्त 5 वनकर्मियों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इस मामले पर वनक्षेत्राधिकारी पीयूष मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि जिन व्यक्तियों ने वनकर्मियों पर आरोप लगाये है उन पर वन अधिनियम के तहत पहले से भी कई मुकदमे दर्ज हैं। यह सब अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति है जिन्हें सूअर के शिकार के आरोप में जेल भी भेजा गया था। उन्होंने बताया कि वन विभाग की ओर से इन लोगों पर की गई कार्यवाही के बाद रंजिश के चलते वनकर्मियों पर मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।