बहराइच। अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के अवसर पर मदरसा जामिया गाजिया मसूदुल उलूम, छोटी तकिया में आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने कहा कि अल्पसंख्यक अधिकार दिवस को जागरूकता दिवस के रूप में मनाये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में सभी नागरिकों को समानता का अधिकार प्राप्त है परन्तु शिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण सभी लोग एक समान रूप से सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं एवं जनकल्याणकारी कार्यक्रमों का लाभ नहीं उठा पाते हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि विकास की पहली सीढ़ी शिक्षा है। शिक्षा से दूर रह कर कोई भी व्यक्ति या समाज आत्मनिर्भर नहीं हो सकता है। आर्थिक रूप से समृद्ध संसार के सभी राष्ट्रों की साक्षरता दर शत-प्रतिशत है। डीएम ने अल्पसंख्यक समुदाय के जिम्मेदार लोगों का आव्हान किया कि समाज को नेतृत्व प्रदान करते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कौशल के क्षेत्र में पिछड़े व्यक्तियों को आगे लायें ताकि ऐसे लोग भी समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें। उन्होंने कहा कि टीकाकरण अभियान के दौरान आपके बच्चों को लगाये जाने वाले टीके पूरी तरह से सुरक्षित एवं प्रमाणित हैं। टीके से आच्छादित बच्चे विभिन्न प्रकार की जानलेवा बीमारियों से पूर्णतया सुरक्षित हो जाते हैं।
कार्यक्रम का संचालन शब्बीर मसऊदी ने किया। इस अवसर पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ अजीत चन्द्रा, सरदार मोहन सिंह, मदरसा जामिया गाजिया मसूदुल उलूम, छोटी तकिया के प्रिंसिपल मौलाना शमीम आलम, केयरटेकर मौलाना गुल मोहम्मद, मौलाना अनवर अली सहित अन्य मदरसों के शिक्षक, अल्पसंख्यक समुदाय के अन्य गणमान्यजन सहित बड़ी संख्या में छात्र मौजूद रहे।