बहराइच। विकास खंड मिहींपुरवा के मोतीपुर इलाके को तहसील का दर्जा मिले हुए 2 वर्ष बीत चुके हैं। मिहींपुरवा क्षेत्र के विकास को पंख लग सकें इसलिए तहसील कार्यालय में एसडीएम को बिठाया गया है। लेकिन जब एसडीएम के आदेशों की ही अवहेलना होने लगे तो क्षेत्र का विकास हो या व्यवस्था, दोनों पर सवाल खड़े होने लगते हैं। पूरा मामला क्या है, आइये बताते हैं।
करीब एक महीने पहले दिवाली के दरमियान बहराइच संदेश की टीम ने मिहींपुरवा कस्बा स्थित अनुराधा ज्वैलर्स के सामने वाली गली की समस्या एसडीएम कीर्ति प्रकाश को व्यक्तिगत रुप से बताई थी। एसडीएम ने तत्काल संज्ञान लेते हुए खंड विकासअधिकारी को समस्या के समाधान के लिए अवगत कराया। पूरे मामले को आज एक महीने बीते चुके हैं लेकिन एसडीएम के आदेश का कहीं कोई असर नही दिख रहा। समस्या अभी भी जस की तस बनी हुई है। वीडीओ से लेकर ग्राम प्रधान तक सब सोये हुए हैं।
पढ़िए पूरा मामला
मिहींपुरवा कस्बा स्थित अनुराधा ज्वैलर्स के सामने एक छोटी गली बनी हुई है। गली में करीब 100 से ज्यादा सम्भ्रांत लोगों के मकान बने हुए हैं। गली सकरी होने की वजह से सिर्फ दो पहिया वाहन ही यहां से गुजरते हैं। पिछले करीब एक महीने से इस गली के दोनों तरफ बनी नालियों में कूड़ा भरा होने की वजह से इसका गंदा पानी उफनाकर पूरी गली में भरा हुआ है। नाली के कीड़े लोगों के घरों में घुस रहे हैं। बदबू होने की वजह से राहगीर मुहं पर रुमाल ढककर निकलते हैं। गली में रहने वालों जीना दूभर हो गया है। गली की गंदगी स्वच्छता अभियान को मुहं चिढ़ा रही है। मामले की शिकायत दिवाली के दौरान बहराइच संदेश की टीम ने एसडीएम कीर्ति प्रकाश से व्यक्तिगत रुप से की थी। अफ़सोस एसडीएम के तुरंत संज्ञान के बावजूद अभी तलक गली की समस्या जस की तस बनी हुई है। न तो ग्राम प्रधान और न ही कोई सफाईकर्मी इस गली में झाँकने आया है। लोगों के मन में प्रधान के खिलाफ काफी गुस्सा है। लोगों का कहना है कि अगर समस्या जल्द ही नहीं दूर हुई तो वो तहसील घेरने को मजबूर होंगे।