मिहींपुरवा (बहराइच)। सीमावर्ती और जंगल क्षेत्र के विकासखंड मिहीपुरवा का न्याय पंचायत आम्बा गांव 13 हजार से अधिक की आबादी नेटवर्क से दूर है। इससे नाराज होकर ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया है। जिलाधिकारी व एसपी को भी ज्ञापन भेज दिया गया है।
न्याय पंचायत आम्बा जनजाति बाहुल्य है। न्याय पंचायत क्षेत्र में चार ग्राम पंचायत आम्बा, विशुनापुर, फ़क़ीरपुरी और बर्दिया है। जिसमें 13 हजार से अधिक की आबादी है। इन चारों गांवों में बीएसएनएल का अब तक मात्र एक टॉवर लगा हुआ जो सिर्फ शोपीस बनकर खड़ा हुआ है। देश जहां डिजिटल इंडिया से जुड़कर तमाम बुलंदियों को छू रहा है। वहीं यह क्षेत्र नेटवर्क न होने की वजह से आज भी पिछड़ा हुआ है। इन चारों गांवों में जनजाति समुदाय की संख्या अधिक है, जिनका विकास नेटवर्क न होने की वजह से रुका हुआ है। लेकिन अब इन गांवों के जनजाति समुदाय के लोगों ने सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया है।
थारू जनजाति समाजोत्थान समिति के बैनर तले जनजाति और अन्य समुदाय के लोग गांव में घूम-घूम कर लोगों को पोस्टर बाँट रहे हैं, प्रदर्शन कर रहे हैं। लोग एक सुर में बोल रहे हैं कि अगर गांव में किसी अन्य कंपनी का परमानेंट नेटवर्क वाला टॉवर नहीं लगा तो इस बार वह मतदान नहीं करेंगे।
वन अधिकार आंदोलन के संस्थापक और कार्यकर्ता समाजसेवी डॉ जंग हिंदुस्तानी ने बताया कि नेटवर्क न होने की वजह से लोगों में नाराजगी है। लोग प्रदर्शन कर हाथ में पोस्टर लेकर चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें समझाया जा रहा है कि पहले ज्ञापन देकर प्रशासन को सूचित करें, जिसके बाद सुनवाई न होने पर आंदोलन की कार्रवाई करें। मंगलवार को बर्दिया गांव में मौजूदा प्रधान श्यामलाल, पूर्व प्रधान सीताराम, कौसर अली, अकबर अली, महिपाल चौधरी, राजू, हनुमान, अनिल कुमार और तनवीर आलम आदि ने हाथों में पोस्टर लेकर प्रदर्शन कर नाराजगी जाहिर की है।
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