गुजरात। दिनभर की छोटी बड़ी और अपराध जैसी खबर पढ़कर अगर आप ऊब जाते हैं तो ये अच्छी खबर आपके लिए ही है। गुजरात के अहमदाबाद में एक ऑटो चालक ने इन्सानियत की ऐसी मिसाल पेश की है जो आपकी सोच बदलने पर मजबूर कर देगी।
जोधपुर की रहने वाली प्रेमलता गहलोत (61 वर्ष) दिल की मरीज हैं। बीते मंगलवार वो अहमदाबाद शहर के एक प्राइवेट अस्पताल में अपने पति के साथ इलाज़ कराने आयी थीं। इसी दौरान रनिप बस स्टैंड पर उतरकर वो नानजी नयी के ऑटो-रिक्शा में बैठ कर होटल के लिए निकले। प्रेमलता होटल तो पहुंची लेकिन 4 लाख रुपयों से भरा बैग नानजी के ऑटो में ही भूल गयी। होटल पहुँचने के बाद जब उन्हें इस बात का अहसास हुआ तो उनका दिल बैठ गया।
प्रेमलता के मुताबिक वो वापस उसी जगह जाकर उस ऑटो-ड्राइवर को ढूंढने लगी लेकिन उसका कहीं पता न चला। आनन-फानन में वो नजदीकी पुलिस स्टेशन वस्त्रापुर पहुंचे। उधर, नानजी (52 वर्ष) को जब फुरसत मिली तो वो अपना ऑटो साफ़ करने लगे। ऑटो साफ़ करते वक्त जब उन्हें 4 लाख रूपये से भरा बैग मिला तो उनके होश उड़ गये। नानजी को तुरंत समझ आ गया कि ये पैसों से भरा बैग उसी महिला का है।
बिना वक्त गंवाए नानजी अपने बेटे और दामाद के साथ वस्त्रापुर पुलिस स्टेशन पहुँच गये। पुलिस स्टेशन पहुंचे तो इक्त्फाकन प्रेमलता और उनके पति वहीं मौजूद मिले। नानजी ने तत्काल रूपये से भरा बैग उन्हें वापस कर दिया। बता दें कि अहमदाबाद की सड़कों पर नानजी पिछले 25 सालों से ऑटो-रिक्शा चला रहे हैं। प्रेमलता ने बताया कि यदि उन्हें ये पैसे नहीं मिलते तो शायद उनका इलाज़ नहीं हो पाता।