वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में तीन महीने पहले एक ही परिवार के पांच लोगों की निर्मम हत्या के आरोपी दोनों भाई को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। चाचा के परिवार की हत्या की वारदात के बाद से ही दोनों भाई फरार चल रहे थे।
वाराणसी का भेलूपुर क्षेत्र में 5 नवंबर 2024 को 5 लोगों की हत्याएं हुई थी। एक घर में राजेंद्र गुप्ता की पत्नी नीतू, दो बेटों और एक बेटी की खून से सनी लाश मिली थी। इन सभी को गोली मारी गई थी। राजेंद्र की पत्नी 45 वर्षीय पत्नी नीतू गुप्ता का शव उनके कमरे में बेड के नीचे पड़ा मिला था तो वहीं 25 वर्षीय पुत्र नमनेंद्र का शव दूसरी मंजिल के बाथरूम में था। जबकि 17 साल की बेटी गौरांगी और सबसे छोटे बेटे 15 साल के सुबेन्द्र का शव उन्हीं के कमरे में पड़ा मिला था। शुरू में इनकी हत्या का शक राजेंद्र पर गया लेकिन कुछ देर बाद जब राजेंद्र गुप्ता का शव घटनास्थल से करीबन 15 किलोमीटर दूर रोहनिया इलाके में निर्माणाधीन मकान में मिला तो हड़कंप मच गया। राजेंद्र की भी गोली मारकर हत्या की गई थी।
वहीं इस वारदात के बाद से ही राजेंद्र के छोटे भाई कृष्णा का बड़ा बेटा विशाल लापता था। पुलिस ने अब उसे उसके भाई प्रशांत उर्फ जुगनू के साथ गिरफ्तार किया है। दोनों भाई सीरगोवर्धन के लौटूबीर मंदिर के पास खड़े होकर बात कर रहे थे। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वारदात के बाद वह भागकर मुगलसराय स्टेशन पहुंचा और वहां से ट्रेन पकड़ कर पटना पहुंच गया। वहां से वह कोलकाता और मुंबई घूमने के बाद वापस बनारस लौटा था। आरोपी ने बताया कि इस दौरान वह पकड़े जाने के डर से कभी होटल में नहीं रूका बल्कि वह रात में स्टेशन पर ही सोता था। इस दौरान वह नकली आईडी के जरिए अपने भाई प्रशांत के संपर्क में था और अपनी जरूरत के मुताबिक पैसे भी मंगाता था।
पुलिस की पूछताछ के दौरान विक्की के चेहरे पर अपराध बोध बिल्कुल भी नहीं दिखा। वह डरा-सहमा सा भी नहीं प्रतीत हुआ। पुलिस से विक्की ने कहा कि संपत्ति के लालच में हमारे मां-बाप की हत्या कर ताऊ ने हम दो भाइयों और एक बहन का जीवन बर्बाद कर दिया। हम मां-बाप के प्यार से हम वंचित हो गए। हम तीनों को पता ही नहीं लगा कि हम कब बच्चे से बड़े हो गए। ताऊ और उनका बड़ा बेटा रोजाना हमारे साथ दुर्व्यवहार करते थे। ताऊ के डर से हम भाई-बहन एकसाथ खड़े होकर बात भी नहीं कर पाते थे। बदला लेने के लिए हम अपनी सगी बहन की शादी में नहीं आए। इसलिए हमने यह निर्णय लिया कि एकसाथ सबको ठिकाने लगाएंगे।
विशाल ने बताया कि मैं नहीं चाहता था कि फिर वही कहानी दोहराई जाए। मेरे मां-बाप की हत्या ताऊ ने की। मैं बड़ा हुआ तो ताऊ और उनके पूरे परिवार को खत्म किया। ताऊ के बच्चों को छोड़ देता तो बड़े होकर वह हमारी जान के लिए खतरा बनते। इसलिए हमने पूरे परिवार को एक साथ ठिकाने लगाना तय किया।
इससे पहले बुजुर्ग शारदा देवी ने बताया था कि उनके बड़े बेटे राजेंद्र के साथ उसका बेटा नमनेंद्र भी विशाल की अकारण ही पिटाई करता था। छोटे बेटे कृष्णा और छोटी बहू बबिता की हत्या के बाद उनके तीनों बच्चों को पढ़ाई-लिखाई राजेंद्र ने कराई। मगर, तीनों बच्चों के साथ राजेंद्र का बरताव अच्छा नहीं था। राजेंद्र उनके साथ भी मारपीट करता था। इसलिए वह चुप रहती थी। मगर, उन्होंने छोटे बेटे के तीनों बच्चों को अपना बच्चा समझ कर परवरिश की।
वाराणसी पुलिस के मुताबिक राजेंद्र गुप्ता परिवार का इतिहास काफी हिंसक रहा है। आरोप है कि 1997 में राजेंद्र गुप्ता ने अपने ही भाई-भाभी की हत्या कर दी थी और उसी साल दिसंबर में अपने पिता और गार्ड को भी मार डाला था। इस दौरान राजेंद्र की मां शारदा देवी ने केस दर्ज कराया था लेकिन बाद में उनके बयान बदलने के कारण राजेंद्र बरी हो गया था। इस हत्याकांड के गवाह रहे विक्की ने बचपन में ही अपने मां-बाप की हत्या होते हुए देखी थी। यह घटना उसके मन में एक गहरा घाव छोड़ गई थी।