लखनऊ। अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम है। ट्रस्ट की तरफ से प्रधानमंत्री से लेकर भारतीय राजनीति के सभी दिग्गजों, उद्योगपतियों, खिलाड़ियों, अभिनेताओं को न्योता दिया है। कुछ राजनेताओं ने कार्यक्रम से दूरी बनाने की बात साफ-साफ कह दी है। प्रतिष्ठा समारोह में जाने के सवाल पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने जवाब दिया है।
गुरुवार को सपा मुख्यालय में समाजवादी महिला सभा के राष्ट्रीय सम्मेलन में अखिलेश यादव ने पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के सवाल पर अखिलेश यादव ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा- “हम सब लोग उस परंपरा को मानते हैं और हमारे समाज में माना जाता है, जब भगवान बुलाते हैं तभी दर्शन पाते हैं बिना बुलाये कोई नहीं जाता है।” सपा प्रमुख ने आगे मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “हम सब यह भी जानते हैं कि भगवान कब किसका बुलावा दे दे। हम अपने घर से निकलने से पहले भगवान के दर्शन करके ही निकलते हैं।”
स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयानों पर उन्होंने कहा कि ये भाजपा वालों से पूछना चाहिए क्योंकि वे भाजपा में पांच साल रहे। आखिरकार उनके दल में रहकर उन्होंने इस तरह के बयान क्यों नहीं दिए फिर बोले कि ये उनके व्यक्तिगत विचार हैं। सपा सभी धर्मों का सम्मान करती है।
महिला पहलवानों के साथ हो रहा अन्याय
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने बृजभूषण सिंह विवाद पर कहा कि भाजपा नारी वंदन और नारी सम्मान की बात करती है। मुझे दुख होता है कि उन्हें इन महिला पहलवान का दुख दिखाई नहीं देता है। हम पहले भी यह बात कह चुके हैं कि हम महिला पहलवानों के साथ हैं। उनके साथ अन्याय होगा तो समाजवादी पार्टी न्याय दिलाने के लिए साथ खड़ी रहेगी।
भाजपा को यूपी की सभी 80 सीटों पर हराने का काम करेंगे
सपा प्रमुख ने कहा कि लोकसभा चुनाव की लगातार तैयारी हो रही है। गठबंधन बनने के बाद यूपी की 80 सीटें हराने का काम करेंगे और भाजपा को हटाएंगे। उन्होंने कहा कि संविधान और नारी सम्मान दोनों बचाएंगे। महिलाओं को लेकर बोले कि लोकसभा चुनाव में समाजवादी महिला संगठन पूरी ईमानदारी के साथ सपा को जिताने का काम करेगा। सपा ने हमेशा पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक और महिलाओं की बात उठाई है। सबसे ज्यादा गैर बराबरी का सामना महिलाओं को करना पड़ता है। आरोप लगाया कि यूपी में महिलाएं सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं। महिलाओं को मणिपुर याद है। सभी ने इस कांड की निंदा की लेकिन भाजपा ने नहीं की।