वाराणसी। ज्ञानवापी सर्वे को लेकरवाराणसी जिला कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के सर्वेक्षण को 8 हफ्ते के लिए और भी बढ़ा दिया है। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी (AIMC) ने वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) को पत्र लिखकर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में को रोकने की मांग की थी। हालांकि अब कोर्ट के फैसले के बाद से सर्वे का काम जारी रहेगा।
जिला जज की अदालत ने ज्ञानवापी सर्वे व उसकी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो सितंबर की तिथि तय की थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका। दो सितंबर को एएसआई ने अदालत से ज्ञानवापी का सर्वे 56 दिन आगे बढ़ाने की अनुमति मांगी। शुक्रवार को एएसआई के आवेदन पर जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई हुई। दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अदालत का आदेश एएसआई के पक्ष में आया। इससे पहले अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के विरोध के कारण आज लगातार दूसरे दिन ज्ञानवापी परिसर का सर्वे शुरू नहीं सका। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम सुबह निर्धारित समय से पहुंची जरूर लेकिन सर्वे नहीं कर सकी।
मस्जिद कमेटी का कहना है कि जब तक अदालत का स्पष्ट आदेश नहीं आएगा, तब तक सर्वे का काम नहीं होने दिया जाएगा। इससे पहले गुरुवार (35वां दिन) को भी विरोध के कारण सर्वे नहीं हो सका था। सूचना पाकर जिलाधिकारी एस राजलिंगम और अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) ने एस चनप्पा मौके पर पहुंचे थे।
अब तक सर्वे में हुए इतने काम
ज्ञानवापी में 27 दिन के सर्वे में ASI टीम के 40 सदस्य शामिल रहे। दीवारों और गुंबद में मिली कलाकृतियों और कारीगरी का आकलन हुआ। टीम ने ज्ञानवापी परिसर में वुजूखाना को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वे किया। मस्जिद परिसर की पूरी पैमाइश के बाद केवल GPR सर्वे हुआ। सदस्यों ने यूनिट के अनुसार, बाहरी दीवार, पश्चिमी दीवार, व्यासजी तहखाना समेत अन्य तहखाने, गुंबद और छतों का गहन अध्ययन किया। इन जगहों से सैंपल जुटाकर लैब में भेजे और प्राचीनता के लिए पुरातन दस्तावेजों से साक्ष्यों का मिलान किया गया है।