मैनपुरी। उत्तर प्रदेश के बरेली रोडवेज बस के बर्खास्त संविदा कंडक्टर की खुदकुशी ने राजनीतिक रंग ले लिया है। सपा मुखिया अखिलेश यादव मृतक मोहित यादव के परिजनों से मुलाकात की, उन्होंने संवेदना जताते हुए मुसीबत की घड़ी में साथ रहने और मदद करने का आश्वासन दिया।
मृतक बस कंडक्टर मोहित के मृतक के भाई रोहित, मनोज कुमार, पत्नी रिंकी, पुत्र शिवांश, मां सुषमा देवी, पिता राजेंद्र सिंह गुरुवार की सुबह सैफई पहुंचे। यहां उन्होंने सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात करके बेटे की आत्महत्या की बात बताई। इस पर सपा मुखिया ने उन्हें सांत्वना दिया। हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इससे पहले अखिलेश यादव ने ट्विटर (एक्स) पर मैसज लिखते हुए कहा कि, ‘उप्र परिवहन से निलंबन के सदमे के कारण आत्महत्या करने पर मजबूर हुए स्व. मोहित यादव के परिजनों से मिलकर उनका दुख बांटा। हर हालात में उनके साथ खड़े रहने व हर तरह से मदद करने का सच्चा आश्वासन दिया’।
उन्होंने आगे लिखा कि, ‘इस बारे में बस इतना और कहना है कि भाजपा के नेता, उसके कार्यकर्ता, समर्थक और मतदाता इतना बताएं कि क्या ये सब जायज़ है। इतनी घृणा दिलों में रखने से भाजपाई क्या ख़ुद को बीमार नहीं कर रहे हैं। अगर किसी के दुख से भाजपाइयों को सुख मिल रहा है, तो ये आदत एक दिन भाजपाइयों को अपनों से भी दूर कर देगी’। ‘भाजपाई बीमार न बनें, समझदार बनें’!
क्या है मामला?
बरेली डिपो की जनरथ बस में तैनात मोहित यादव पर आरोप था कि 3 जून की रात दो यात्रियों को नमाज अदा करवाने के लिए बस रुकवा दी थी। इसके बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था।नमाज प्रकरण में नौकरी छूट जाने के बाद कंडक्टर मोहित यादव गृह जनपद मैनपुरी आ गए। पत्नी ने बताया था कि नौकरी से बर्खास्त होने के बाद पति तनाव में रहने लगे थे। सोमवार को मोहित यादव ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी।