बहराइच। सुजौली थाने क्षेत्र में झोपडी में में घुसे तेंदुए को 8 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद पकड़ लिया गया। रेस्क्यू में वन विभाग की हाथियों को भी लगाया गया। तेंदुए के हमले में 7 लोग घायल हुए हैं।
कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के सदर रेंज के ग्राम पंचायत चहलवा के मजरा मंगलपुरवा निवासी रीता देवी (33) गुरुवार सुबह करीबन 5 बजे शौच गई थी। खेत में मौजूद तेंदुए ने रीता पर हमला कर दिया। रीता के शोर मचाने पर ग्रामीण हांका लगाते हुए दौड़े। ग्रामीणों का शोर सुन तेंदुआ गांव की ओर भागा और इस दौरान संजय, लाल बहादुर, सहदेव, संतोष, मनोज और ऋषिपाल को भी घायल कर दिया। गांव पहुंचने पर तेंदुआ लालबहादुर की झोपड़ी में घुस गया। जिसके बाद ग्रामीणों ने झोपड़ी को बाहर से बंद कर दिया और इसकी सूचना वन विभाग को दी।
सूचना पर पहुचे वन विभाग की टीम की ओर से रेंजर राम कुमार, वन दरोगा मयंक पांडे, वन रक्षक अब्दुल सलाम ने घायलों को इलाज के लिए पीएचसी सुजौली भेजा जहां से उनकी हालत गंभीर देखते हुए सीएचसी मोतीपुर के लिए रेफर कर दिया गया। इस दौरान पूरे गांव मे अफरा- तफरी का माहौल हो गया। गांव में छतों, सड़कों पर चारों तरफ लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गयी।
वन विभाग ने झोपड़ी की जाल से घेराबन्दी की गयी। रेस्क्यू में वन विभाग की हथिनी जयमाला और चंपाकली को भी मदद के लिए लगाया गया है। इसके बाद पिंजड़ा लगाकर तेंदुए को पकड़ लिया गया। रेंजर कतर्नियाघाट राम कुमार ने बताया कि तेंदुए को पकड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। टेंक्रुलाइज करके तेंदुए को पकड़ा गया है। वन विभाग के अधिकारी, पुलिस के जवान, STPF (Special Tiger Protection Force ) की टीम, WWF (World Wide Forest) की टीम और बाघ मित्र भी आए हुए थे। टीमें संयुक्त रूप से तेंदुए को रेस्क्यू करने में जुटी रहीं। झोपड़ी के चारों तरफ जाल बिछाया गया था। इस समय तेंदुआ पूरी तरीके से सुरक्षित है।
डीएफओ आकाशदीप वधावन ने बताया कि तेंदुआ को पकड़ने के लिए वन विभाग चार टीम लगाई गई। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। इसके बाद तेंदुए को जंगल में छोड़ने की कार्यवाई की जायेगी।