लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ग्रामीण स्तर के थानों को कमिश्नरेट सिस्टम के तहत लाने का निर्णय लिया गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में कानपुर के 14, वाराणसी के 12 और लखनऊ के 6 ग्रामीण थानों को कमिश्नरेट सिस्टम से जोड़ा गया है।
योगी कैबिनेट की बैठक में 23 प्रस्ताव पेश किए गए थे, जिनमें से 22 प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने पास कर दिया है। कैबिनेट में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि पुलिस महानिदेशक ने 26 सिंतबर को शासन को पत्र लिखा था, जिसमें बताया गया था कि गौतमबुद्धनगर में तो पूरे जिले में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू है, लेकिन लखनऊ, कानपुर और वाराणसी जिले में दो तरह (कमिश्नरेट और ग्रामीण) की पुलिस व्यवस्था होने और थानों के भौगोलिक बिखराव होने से कई तरह की व्यवहारिक दिक्कते आ रही हैं। इससे जहां थानों के संचालन में दिक्कत हो रही है, वहीं प्रशासनिक पर्यवेक्षण आदि भी ठीक से नहीं हो पा रही है। पुलिस महानिदेशक ने यह भी अवगत कराया था कि ग्रामीण क्षेत्र के थानों का आकार छोटा व संख्या भी कम है। ऐसी स्थिति में एडीजी जोन और आईजी रेंज द्वारा ग्रामीण थानों की निगरानी नहीं हो पा रही है। इसी प्रकार आम लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि डीजीपी के सुझाव के आधार पर ही सरकार ने तीनों जिलों में सभी थानों को पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली के अधीन करने का निर्णय लिया है। लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, कानपुर नगर और वाराणसी के महानगरीय क्षेत्रों के सभी सहायक पुलिस आयुक्तों, अपर पुलिस आयुक्तों, उप पुलिस आयुक्तों, संयुक्त पुलिस आयुक्तों और पुलिस आयुक्तों को कार्यपालक मजिस्ट्रेट की शक्तियां प्रदान किये जाने का निर्णय लिया गया है। कैबिनेट ने इन पुलिस कमिश्नरेटों में प्रशासनिक विभाजन की जिम्मेदारी पुलिस महानिदेशक को देने,वित्तीय अधिकारों के निर्वहन के लिए वित्त व कार्मिक विभाग से परामर्श करके विभागाध्यक्ष व कार्यालयाध्यक्ष घोषित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है।
लखनऊ में 6, कानपुर में 14 व वाराणसी में शामिल होंगे 12 थाने
सरकार इस फैसले के बाद लखनऊ में 6 थाने, कानपुर में 14 और वाराणसी कमिश्नरेट में 12 थाने बढ़ जाएंगे। तीनों जिलों में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग से तैनात किए एसपी, एएसपी और सीओ का पद समाप्त हो जाएगा और इनके स्थान पर डीसीपी और एडीसीपी की तैनाती होगी। वही सीओ अब एसीपी होंगे।
स्टार्ट अप नीति में संशोधन को मंजूरी
यूपी सरकार की ओर से अधिसूचित उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति 2020 में संशोधन किए जाने के संबंध में भी कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर नीति -2021 में संशोधन किए जाने को भी मंजूरी प्रदान की गई। उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप नीति 2017 के अंतर्गत वाणिज्यिक परिचालन शुरू करते हुए अवधि निर्धारण की व्यवस्था को अंगीकृत किया गया है। निवेशकों को वित्तीय प्रोत्साहनों की स्वीकृति और अनुमोदन के संबंध में फैसला सामने आया है। उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 को भी मंजूरी दी गई।
स्कूली शिक्षा महानिदेशक पर बड़ा फैसला
स्कूली शिक्षा को लेकर योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट ने बेसिक शिक्षा विभाग के तहत आने वाले महानिदेशक स्कूल शिक्षा को अब माध्यमिक शिक्षा विभाग के नियंत्रण में करने का निर्णय लिया है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा के तहत आने वाले सभी निदेशालय और कार्यालयों को माध्यमिक शिक्षा से जोड़े जाने से अब कक्षा एक से 12वीं तक के स्कूलों पर नियंत्रण एक साथ किया जा सकेगा। योगी सरकार की ओर से अब स्कूल शिक्षा महानिदेशक के अधिकार और कर्तव्यों को स्पष्ट कर दिया जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इस पर शिक्षा विभाग की ओर से अब नीति सामने आएगी।