मिहींपुरवा। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही सोमवार तड़के चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हो गया। सूर्यदेव की लालिमा फूटते ही हजारों की तादाद में एक साथ अर्घ्य दे रहे व्रती मन को मोह रहे थे। व्रतियों ने प्रसाद का पारण किया तो उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने एवं प्रसाद पाने की लोगों में होड़ मच गई। इसके साथ ही चहुंओर से उठ रहे छठी मैया के जयकारे से घाट गुंजायमान हो उठा।
सोमवार की भोर तीन बजे से ही छठ घाट पर महिलाओं का तांता लग गया। रंग-बिरंगी झालरों की छटा घाट और सूर्य भगवान के गीतों से गूंज रहा वातावरण जनमानस को भक्ति भाव के रंग में सराबोर कर रहा था। छठ घाट का विहंगम दृश्य मंत्रमुग्ध कर देने वाला था। रविवार की शाम अस्ताचल की ओर जा रहे सूर्य देव को अर्घ्य दान करने के पश्चात पूरी रात जागकर छठी मैया के भजनों से घर के वातावरण को भक्ति और श्रद्धा के रंग में रंगने के पश्चात प्रातः 3 बजे से ही सरयू घाट पर महिलाओं का आवागमन प्रारंभ हो गया। गोले पटाखों की धनि से संपूर्ण सरयू घाट गूंज रहा था।
वही लाउडस्पीकर पर मधुर आवाज में बज रहे छठ मैया के भजन और सूर्य देव के गीत जनमानस को श्रद्धा से परिपूर्ण कर रहे थे। 36 घंटे लगातार निर्जल व्रत करके व्रती महिलाओं ने कमर तक जल में खड़े होकर सूर्यदेव के आगमन की प्रतीक्षा की और सूर्य देव की किरणें देखते ही सूर्य देव को अर्घ्य दान करने के पश्चात अपने व्रत को तोड़ा।
इस अवसर पर विधायक प्रतिनिधि आलोक जिंदल ने भी स्टाल लगाकर श्रद्धालुओं को चाय पिलाई। मिहींपुरवा ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान अरविंद कुमार मद्धेशिया उर्फ बबलू भी पंडाल लगाकर श्रद्धालुओं को दूध और चाय पिला रहे थे । बबलू प्रधान ने बताया की छठ घाट पर एक सप्ताह से निरंतर वे सफाई का कार्य तथा लाइट, टेंट, जनरेटर एवं आगंतुकों के लिए चाय की व्यवस्था का संचालन स्वयं संभाल रहे थे छठ पूजा समिति के सदस्य उनके साथ व्यवस्था की देखरेख में लगे हुए थे।