मिहींपुरवा। तहसील क्षेत्र में आई बाढ़ ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी है। एक सप्ताह बाद भी सरयू तथा घाघरा नदी उफान पर है। दर्जनों गांवों में हर तरफ पानी ही पानी है। खेतों से लेकर रास्तों को भी बुरा हाल है। जिससे खेती की ज्यादातर कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
क्षेत्र के ग्राम मंनगौढिया के मजरा शोभापुरवा, पिपरागौढी, मोतीपुरवा, ग्राम जालिमनगर के मोगलहनपुरवा, ग्राम गुढ के निबिया गौढी, ग्राम सभा गिरगिट्टी,ग्राम मझरा के संपतपुरवा, जियापुरवा, गङरियनपुरवा, रामबचनपुरवा, ग्राम सोमईगौढी के पलियापुरवा, तिखडङिया, तनाजा, ग्राम नौबना, महाराजसिंह नगर, कठौतिया सहित दर्जनों गांव अभी भी बाढ़ का पानी भरा है। गांव के रास्ते बंद है, बाहर निकलने के लिए लोगों को घुटने भर से अधिक पानी से होकर बाहर निकलना पड़ रहा।
गांवो का आलम यह है कि किसी की तबियत खराब हो जाए तो मरीज को अस्पताल ले जाना मुश्किल हो जाएगा। हालाँकि बारिश का दौर थमने से लोगों ने राहत की सांस तो ली है लेकिन खेती को भी भारी नुकसान हुआ है। धान की फसल खेतों में बिछ गई है। खेतों में ज्यादा पानी होने से फसल डूब गई। इस बार ज्यादातर किसानों ने खेतों में मक्का बोई थी, लेकिन वह भी बाढ़ के पानी से तबाह हो गई। हालांकि जिस खेत से बाढ़ का पानी निकल गया है वहां के किसान खेती की तैयारी करने में लग गये हैं।