लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गोमती नगर विस्तार स्थित शिप्रा अपार्टमेंट में एक ठेकेदार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस के मुताबिक प्रशांत पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज है। वह अभी हाल ही में जमानत पर रिहा हुआ था।
मूलरूप से गोंडा के तुलसीपुर मांझा नवाबगंज निवासी प्रशांत विजय सिंह (42) गोमती नगर विस्तार स्थित शिप्रा अपार्टमेंट के बी-101 फ्लैट में पत्नी नितिशा, बेटे अर्णव (16) और आरव (12) के साथ रहते थे। वह पीडब्ल्यूडी में ठेकेदारी करते थे। उनके पिता प्रो. सिद्धमान सिंह डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विवि में तैनात हैं। पत्नी के मुताबिक शुक्रवार रात वह बेटे अर्णव को कमरे में बैठा कर पढ़ा रहीं थीं। तभी प्रशांत कमरे में आ गए।
प्रशांत ने पत्नी और बेटे को दूसरे कमरे में भेज दिया। कुछ देर बाद पत्नी ने खाने के लिए पूछा तो कहा कि भूख नहीं है। इसके बाद प्रशांत ने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। शनिवार सुबह करीब पांच बजे बड़े बेटे अर्णव की नींद खुली तो कमरे की लाइट जल रही थी। अर्णव ने आवाज लगाई तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
इसके बाद बच्चे ने अपनी मां को सूचना दी। नितिशा के मुताबिक दरवाजा पीटने पर भी जब कोई जवाब नहीं मिला तो उन्होंने आशियाना निवासी देवर स्वतंत्र को फोन किया। इस दौरान अर्णव ने खिड़की से कमरे में झांक कर देखा तो पिता का शव पंखे में चादर के सहारे लटक रहा था। छोटे भाई स्वतंत्र सिंह पहुंचे तो दरवाजा तोड़कर शव को फंदे से उतारा गया।
झूठा मुकदमा लिखा कर जेल भेजा…अब धमका रही
ठेकेदार प्रशांत के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें पीडब्ल्यूडी की सहायक अभियंता (सिविल) पर आरोप लगाया है। प्रशांत सिंह ने अपने सुसाइड नोट में पीडब्ल्यूडी की महिला अधिकारी को कोट करते हुए लिखा है कि तुमने झूठा रेप का केस किया। भगवान तुम्हें माफ नहीं करेगा।
वहीं मृतक के भाई स्वतंत्र विजय सिंह ने बताया कि उसके बड़े भाई ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली क्योंकि पीडब्ल्यूडी में जेई के पद पर तैनात महिला अधिकारी और उसके पिता ने उससे 40 लाख ऐंठ लिए थे। महिला अधिकारी ने प्रशांत के खिलाफ एक मई को दुष्कर्म का मुकदमा लिखाया था। तीन मई को उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। करीब तीन महीने बाद 15 अगस्त को वह जमानत पर छूटे थे। जेल से बाहर आने के बाद भी पूजा और उसके पिता गोपाल लगातार फोन करके धमकी देते थे। जिसके चलते मेरे भाई ने आत्महत्या कर ली क्योंकि वह डिप्रेशन में था।
डीसीपी प्राची सिंह ने बताया कि एक बात जो निकलकर सामने आ रही है कि मृतक पर 376 का मुकदमा दर्ज था और वह जमानत पर बाहर आया था। जेल से बाहर आने के बाद वह तनाव में था और इसलिए आत्महत्या कर ली। उन्होंने कहा कि फिलहाल हम मामले की जांच कर रहे हैं।