लखनऊ। यूपी के लखनऊ में लेवाना सुइट्स होटल में भीषण अग्निकांड के बाद मंगलवार को फोरेंसिक एक्सपर्ट और अधिकारियों के निरीक्षण में इमारत निर्माण से लेकर अन्य बिंदुओं पर कई खामियां मिलीं। जांच में सामने आया कि आग के संपर्क में आने पर शराब की बोतलें फटीं, जिससे दूसरे तल पर आग की लपटें फैल गईं। फोरेंसिक दल को भी सांस लेने में दिक्कतें हुईं।
पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर, मंडलायुक्त रोशन जैकब, डीआइजी फायर सर्विस मुख्यालय आकाश कुलहरी करीब 11 बजे होटल पहुंचे। अफसरों ने फोरेंसिक टीम के साथ करीब दो घंटे निरीक्षण किया। हादसे के दूसरे दिन भी होटल के तीसरे तल पर धुआं छाया रहा। जांच दल फील्ड यूनिट से डा. आनंद, फोरेंसिक साइंस लैब से डा. सुधीर कुमार झा और मोबाइल फोरेंसिक से डा. नरेंद्र कुमार मौजूद रहे।
अफसरों की जांच में निष्कर्ष यह निकला कि अगर निकास के लिए सीढ़ी अलग से होती और पर्याप्त वेंटीलेशन की व्यवस्था होने के साथ ही अग्नि शमन उपकरण ठीक होते तो लोगों की जान बज जाती। चार लोगों की जान जाने का सबसे बड़ा कारण यह था कि निकास के लिए दूसरा जीना नहीं था। होटल मालिक और प्रबंधन की लापरवाही से हादसा हुआ है। इसके अलावा फोरेंसिक टीम ने तीनों तलों पर अग्निकांड से जुड़े साक्ष्य जुटाकर सुरक्षित किए। डीजे के पास करीब 500 शराब की बोतलें मिलीं हैं।
भूतल पर निरीक्षण के बाद जांच दल पहले तल पर पहुंचा। यहां पर पड़ताल कर साक्ष्य जुटाए। इसके बाद दूसरे तल पर टीम के लोग पहुंचे। यहां राख और जले हुए तार के जो टुकड़े मिले, उन्हें सुरक्षित किया गया। इसके बाद दूसरे तल पर पहुंचे। यहां पर शराब की काफी बोतलें आग की तपिश के कारण टूट चुकी थीं।
बता दें होटल में सोमवार सुबह भीषण आग लग गई। आग की चपेट में आने से 4 लोगों की मौत हो गई। करीब 9 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला। हादसे के वक्त होटल में करीब 30 लोग मौजूद थे। इस होटल को ध्वस्त करने का आदेश भी जारी कर दिया गया है। आदेश के मुताबिक बिना नक्शा पास कराए होटल बनाया गया था और करीब 10 साल से चल रहा था। इस होटल को नक्शा पास नहीं होने के संबंध में 26 मई और 28 अगस्त 2022 को दो बार नोटिस भी जारी की गई थी।