लखीमपुर खीरी। यूपी के लखीमपुर खीरी जिले की गोला विधानसभा सीट से पांचवीं बार विधायक बने अरविंद गिरी की हार्ट अटैक में मौत हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने अरविंद गिरि के निधन पर शोक जताया है।
बीजेपी विधायक अरविंद गिरी आज सुबह लखीमपुर खीरी जिले के गोला से लखनऊ के लिए मीटिंग में निकले थे। कार में उनके साथ ड्राइवर राकेश, गनर रंजीत और खानसामा थे। चालक राकेश कुमार ने फोन पर बताया कि रास्ते में सिधौली पहुंचे ही थे कि विधायक की तबीयत खराब हो गई और गाड़ी रोकने को कहा। बाद में कार में अगली सीट से उठकर विधायक पिछली सीट पर लेट गए फौरन कार चालक राकेश और गनर रंजीत उन्हें लेकर अटरिया स्थित हिंद मेडिकल कॉलेज ले गए।
अस्पताल में इलाज शुरू होने से पहले ही करीब 7 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। गनर और चालक ने घटना की सूचना विधायक के छोटे भाई मोंटी गिरि को दी, जिसके साथ ही क्षेत्र में विधायक के आकस्मिक निधन की खबर आग की तरह फैल गई।
सीएम योगी ने जताया शोक
अरविंद गिरि के निधन पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने शोक जताया है। सीएम योगी ने अपने शोक संदेश में कहा है कि लखीमपुर खीरी जिले के गोला विधानसभा सीट से भाजपा विधायक अरविंद गिरि का निधन अत्यंत दुखद है। मेरी शोक संवेदनाएं संतप्त परिजनों के साथ हैं। प्रभु श्रीराम दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुख सकने की शक्ति प्रदान करें।
विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने लखीमपुर खीरी जनपद के गोला गोकर्णनाथ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक अरविंद गिरी के असामयिक निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा कि श्री गिरि के निधन से मैं बेहद दुखी हूं। विधानसभा अध्यक्ष ने दिवंगत आत्मा की शांति व शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि श्री गिरी के निधन से लखीमपुर खीरी जिले सहित प्रदेश की राजनीति में अपूरणीय क्षति हुई है।
लगातार पांच बार रहे विधायक
अरविंद गिरी ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत समाजवादी पार्टी से की। इसके बाद आगे चलकर उन्होंनें गोला क्षेत्र से पालिकाध्यक्ष चुनाव लड़ा और रेकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की। साल 1996 में सपा के टिकट पर पहली बार सपा के टिकट पर 49 हजार मत पाकर विधायक बने। 2000 में वह दोबारा पालिका परिषद गोला के अध्यक्ष बने।
2017 में जॉइन की बीजेपी
2007 में ही 58 हजार मत पाकर तीसरी बार विधायक बने। 2012 का चुनाव भी वह सपा के टिकट पर जीते। लेकिन 2017 में अरविंद गिरि ने सपा ने नाता तोड़ लिया और बीजेपी के साथ आ गए। बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया और वह गोला विधानसभा से चौथीं बार विधायक बने। 2022 में भी अरविंद गिरि ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता।