कानपुर। यूपी के कानपुर में मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों में नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में आज बाजार बंद रखने का आह्वान किया गया था। शुक्रवार को नमाज के बाद बाजार बंद कराने को लेकर दोनों पक्ष आमने- सामने आ गए और पत्थरबाजी शुरू हो गयी। पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ दिया। इसके बाद हालात तनावपूर्ण हो गए। लोग तंग गलियों में घुसकर पत्थरबाजी करने लगे। कानपुर उपद्रव पर सीएम योगी ने कहा कि उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई होगी। कोई बख्शा नहीं जाएगा।
बीते दिनों बीजेपी की प्रवक्ता नूपुर शर्मा के द्वारा पैगंबर साहब को लेकर टीवी चैनल पर डिबेट के दौरान दिए गए विवादित बयान पर मुस्लिम पक्ष ने जुमे की नमाज के बाद दुकानें बंद करने का ऐलान किया था। जोहर फैंस एसोसिएशन व अन्य मुस्लिम तंजीमों ने शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय से कारोबार बंद रखने की अपील की थी। इसका व्यापक असर देखने को मिला था। सुबह से ही चमनगंज, बेगनगंज, तलाक महल, कर्नलगंज, हीरामन पुरवा, दलेल पुरवा, मेस्टन रोड, बाबू पुरवा, रावतपुर व जाजमऊ में कहीं आंशिक तो कहीं पूर्ण बंदी दिखाई दी। जुमे की नमाज के दौरान ज्यादातर मस्जिदों में हुई तकरीरों में कहा गया कि वे मोहम्मद साहब पर की गई किसी भी अमर्यादित टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। पुलिस ने किसी भी क्षेत्र में लोगों को नमाज के बाद प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी लेकिन लोग सड़कों पर निकल आए।
मुस्लिम समुदाय के लोग यतीमखाना के बाजार में आए। दुकानें बंद करने का दबाव बनाने लगे। दूसरे धर्म के लोगों ने दुकान बंद करने से मना किया था। नमाजियों के बीच शामिल कुछ अराजक तत्वों ने सबसे पहले चंद्रेश के हाता में घुसकर पथराव किया था। जिसके बाद माहौल बिगड़ गया। भीड़ में शामिल अराजक तत्वों ने तमंचों से फायर भी किए।
घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा, ज्वाइंट कमिश्नर आनंद तिवारी, डीएम कानपुर नेहा शर्मा मौके पर पहुंचे। पुलिस ने लोगों को नियंत्रित करने के लिए कई राउंड फायर किया। लाठीचार्ज करके लोगों को गलियों में खदेड़ा गया। फिर भी लोग रुक-रुककर पथराव करते रहे। पुलिस ने पूरे एरिया की घेराबंदी कर दी है। फिलहाल कानपुर में तनाव का माहौल बना हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मामले में अब तक पुलिस ने 18 उपद्रवियों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने बताया कि इस बवाल में सात लोग घायल हुए हैं। वहीं, सरकार इलाके में फोर्स बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि पीएसी की दो कंपनियां भेजी जा रही हैं।
हैरानी की बात है कि इस हिंसा क्षेत्र से कुछ ही दूर कानपुर देहात के गांव परौंख में जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक मंच पर मौजूद थे। ऐसे में कानपुर में इतनी बड़ी घटना होने में प्रशासन की बड़ी चूक है।