लखनऊ। राशन कार्ड सरेंडर करने या अपात्रों से वसूली करने के मामले पर प्रदेश सरकार ने स्पष्टीकरण जारी किया है। राज्य के खाद्य आयुक्त सौरव बाबू ने कहा कि राशन कार्ड सरेंडर या वसूली करने का कोई आदेश शासन से जारी नहीं किया गया है।
अपात्रों से राशन कार्ड सरेंडर कराए जाने को लेकर इन दिनों प्रदेश भर में हलचल है। विभिन्न जिलों में जिलाधिकारियों ने आदेश जारी कर दिए हैं कि जो अपात्र हैं वे अपने राशन कार्ड सरेंडर कर दें। ऐसा न करने की स्थिति में उनसे वसूली भी हो सकती है। इसका परिणाम यह रहा कि राशन कार्ड सरेंडर करने की होड़ मच गई। केवल अप्रैल माह में ही 43 हजार लोगों ने अपने राशन कार्ड सरेंडर कर दिए। मई माह में आंकड़ा इससे भी पार जाने की स्थिति में है।
वहीं मीडिया में इस संबंध में प्रसारित भ्रामक व तथ्यों से परे खबरों का खण्डन करते हुए राज्य के खाद्य आयुक्त सौरव बाबू ने कहा कि सरकारी योजनान्तर्गत आवंटित पक्का मकान, विद्युत कनेक्शन, एक मात्र शस्त्र लाइसेंस धारक, मोटर साइकिल स्वामी, मुर्गी पालन/गौ पालन होने के आधार पर किसी भी कार्डधारक को अपात्र घोषित नहीं किया जा सकता है। इसी प्रकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 तथा प्रचलित शासनादेशों में अपात्र कार्डधारकों से वसूली जैसी कोई व्यवस्था भी निर्धारित नहीं की गई है और रिकवरी के सम्बन्ध में शासन स्तर से अथवा खाद्यायुक्त कार्यालय से कोई भी निर्देश निर्गत नहीं किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि राशन कार्ड सरेंडर करने और पात्रता की नई शर्तों के संबंध में आधारहीन प्रचार हो रहा है। सत्यता यह है कि पात्र गृहस्थी राशनकार्डों की पात्रता/अपात्रता के सम्बन्ध में सात अक्टूबर, 2014 के शासनादेश के मानक निर्धारित किए गए थे जिसमें वर्तमान में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
चयन सूची से निष्कासन का आधार(पात्र गृहस्थी)
(नगर क्षेत्र के लिए)
1-समस्त आयकर दाता।
2-ऐसे परिवार जिसके किसी भी सदस्य के स्वामित्व में चार पहिया वाहन अथवा वातानुकूलन यंत्र(एयर कंडिशनर) अथवा पांच केबीए या उससे अधिक क्षमता का जेनरेटर हो।
3-ऐसे परिवार जिसके किसी सदस्य के स्वामित्व में अकेले या अन्य सदस्य के साथ 100 वर्ग मीटर से अधिक का स्वअर्जित आवासीय प्लाट या उस पर स्वनिर्मित मकान अथवा 100 वर्ग मीटर से अधिक कार्पेट एरिया का आवासीय फ्लैट हो।
4-ऐसे परिवार जिसे किसी सदस्य के स्वामित्व में अकेले या अन्य सदस्य के साथ 80 वर्ग मीटर या उससे अधिक कार्पेट एरिया का व्यवसायिक स्थान हो।
5-ऐसे परिवार जिनके सदस्यों के पास एक से अधिक शस्त्र लाइसेंस/शस्त्र हो।
6- ऐसे परिवार जिनके समस्त सदस्यों की आय तीन लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक हो।
(ग्रामीण क्षेत्र के लिए)
1-समस्त आयकर दाता।
2-ऐसे परिवार जिसके किसी भी सदस्य के स्वामित्व में चार पहिया वाहन अथवा हार्वेस्टर अथवा वातानुकूलन यंत्र(एयर कंडिशनर) अथवा पांच केबीए या उससे अधिक क्षमता का जेनरेटर हो।
3-ऐसे परिवार जिसके किसी सदस्य के पास अकेले या अन्य सदस्य के स्वामित्व में पांच एकड़ से अधिक संचित भूमि हो।(बुंदलेखंड व सोनभद्र जिले में कैमूर पर्वत माला के दक्षिणी क्षेत्रों में यह सीमा 7.5 एकड़ होगी)।
4-ऐसे परिवार जिनके सभी सदस्यों की आय दो लाख रुपये प्रति वर्ष आय से अधिक हो।
5-ऐसे परिवार जिनके सदस्यों के पास एक से अधिक शस्त्र लाइसेंस/शस्त्र हो।