मुझे इस बात की ख़ुशी है कि लोगो में योग को लेकर बहुत जागरूकता आयी है। वो तमाम लोग जो खुद एक घंटा देकर अपने वर्तमान और भविष्य को बनाने में लगे हैं वह काबिले तारीफ है। इसमें योग से जुड़े सभी लोगों का महत्वपूर्ण योगदान है जो लोगों को प्रेरित कर रहे हैं उनको एक हेल्थी लाइफ देने की कोशिश कर रहें हैं।
मगर दुर्भाग्य की बात है यह है कि अभी भी हमारे आस पास बहुत लोग ऐसे मिलेंगे जिन्हें योग की तब याद आती है जब वजन बहुत बढ़ जाता है और बहुत सारी बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं।
ऐसे में आप योग से बड़ी उम्मीद लगाए हुए एक योग प्रशिक्षक के पास जाते है। इसमें कोई संदेह नहीं कि योग हमें शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ रखता है। मगर समझने वाली बात यह है कि यह एक चमत्कार नहीं है। यदि आप को घुटनो की समस्या है, सर्वाइकल की समस्या है, कमर दर्द की समस्या है, ब्लडप्रेशर की समस्या है ऐसे में जाहिर सी बात है आप ज्यादा कठिन अभ्यास नहीं कर सकते हैं और आपको सबको यह पता है कि वजन कम करने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ती है। बहुत सारी समस्या होने के बाद योग के अभ्यास में भी तकलीफ होती है।
यह सब बताने के पीछे मेरा एक ही सन्देश है कि बीमारी होने के बाद योग करने से अच्छा है, बीमारी हो ही ना इसलिए योग किया जाये। तो अगर बिमारियों से, दवाइयों से, हॉस्पिटल के खर्च से बचना है चाहतें हैं तो आज और अभी से योग को जीवन में लाइए और अपने आने वाले भविष्य को रोग से बचाइए।