बहराइच। कतर्नियाघाट जंगल के पटियारा बीट में गश्त कर रहे वन विभाग के एक वाचर को बाघ ने अपना निवाला बना लिय। काफी तलाश के बाद तकरीबन 24 घंटे बाद जंगल से उसकी लाश मिली है। वाचर की तलाश कर रहे लोगों ने लाश मिलने वाले स्थान से कुछ ही दूरी पर बाघ को बैठा देखा।
कतर्नियाघाट रेंज में तैनात वन 60 वर्षीय भादू पुत्र दुखीराम वाचर बुधवार सुबह रेंज के पटियारा बीट में गश्त के लिए गए हुए थे। भादू शाम 4 बजे तक वापस घर नहीं लौटे तो परिजनों ने ग्रामीणों के संग मिलकर तलाश शुरू की। रातभर तलाशने के बाद बृहस्पतिवार सुबह करीब 9 बजे वाचर भादू की क्षत-विक्षत लाश बेत के घने जंगल में दिखाई पड़ी। जैसे ही ग्रामीण शव के करीब जाने लगे तो उन्हें शव से करीब 50 मीटर दूरी पर बाघ बैठा दिखाई पड़ा। बाघ को देख भय से सभी कांप उठे। कुछ देर तक बाघ वन वाचर के शव के करीब बैठा रहा, फिर भीड़ को देख कर घने जंगलों में चला गया ।
ग्रामीणों की सूचना के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। कतर्नियाघाट रेंज के डिप्टी रेंजर शत्रोहन लाल, वन दरोगा अनिल कुमार, वाचर रवींद्र थाना सुजौली की पुलिस फोर्स के साथ शव कब्जे में ले लिया। डिप्टी रेंजर ने बताया कि वन वाचर भोंदू वन क्षेत्र में गश्त के लिए गया था। सुबह उसका शव घने जंगल में बरामद हुआ है। शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
कतर्नियाघाट डीएफओ जीपी सिंह ने बताया कि इस घटना से हम सभी लोग बेहद दुखी हैं। इसकी क्षतिपूर्ति तो नहीं की जा सकती, लेकिन डब्लूडब्लूएफ एंव अन्य स्रोतों से मृतक के परिजनों को तत्काल आर्थिक सहायता दिलाने एवं मृतक के परिजनों को विभागीय सहायता दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।