बहराइच। मिहींपुरवा तहसील अन्तर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गायघाट में कराए जा रहे प्रसव के दौरान जन्म प्रमाण पत्र न बन पाने के कारण लोग हताश होकर लौट रहे हैं। लोग परेशान हैं और अस्पताल प्रशासन आंख बंद किये हुए है।
जानकारी के मुताबिक भगवानपुर कुर्मीयाना निवासी रूपा देवी पत्नी मदनलाल को 13 अक्टूबर को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गायघाट में भर्ती कराया गया था। जिसके बाद रूपा देवी ने बच्ची को जन्म दिया, महिला जब अस्पताल में मौजूद नर्स अनीता देवी से बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र लेने पहुंची तो स्टाफ नर्स ने कहा कि जिस नर्स ने प्रसव कराया है उसी के द्वारा जन्म प्रमाण पत्र दिया जायेगा। बता दें कि प्रसव कराने वाली नर्स को अस्थाई तौर पर अमवा हुसैनपुर भेजा गया है जबकि अनीता देवी काफी समय से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बने आवास में रह रहीं हैं। यही नहीं नर्स अनिता की नियुक्ति अमवा हुसैनपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ही है और वो कार्य प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गायघाट में करती हैं। इन्ही से लोग प्रमाण पत्र की मांग करते हैं।
अस्पताल द्वारा जन्म प्रमाण पत्र न मिल पाने के कारण लोग मायूस होकर घर लौटने को मजबूर हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गायघाट का प्रभार प्रभारी चिकित्साधिकारी अमवा हुसैनपुर संजय सोलंकी के पास है। इस मुद्दे पर जब इनसे बात करने की कोशिश की गई तो फोन नही उठा। बताते चलें कि गायघाट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 2 स्टाफ नर्सों की तैनाती है परंतु प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने एक स्टाफ नर्स को गायघाट से अमवा हुसैनपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भेज रखा है। अनीता देवी को गायघाट स्वास्थ्य केंद्र पर अटैच कर रखा है जिससे लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। अजीब बात यह भी है कि डॉक्टर साहब के पास वर्तमान में 3 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का प्रभार है लेकिन तीनों की हालत बद से बदतर है।