बहराइच : तापमान में हो रहे उतार -चढ़ाव का असर जनपद बहराइच पर भी पड़ा है। यहां बुखार व निमोनिया का कहर जारी है। दरअसल पिछले दिनों बुखार और निमोनिया से ग्रसित दो बच्चों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उपचार के दौरान दोनों की 24 घंटे के भीतर मौत हो गयी। वहीं, विभिन्न बीमारियों से पीड़ित 13 और बच्चों को भर्ती कराया गया है। इनमें दो बच्चों की हालत गंभीर होने पर उन्हें ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया गया है।
पूरा मामला रामगांव थाना क्षेत्र के टेड़िया गांव का है। यहां के निवासी भीम सिंह का मासूम बेटा प्रशांत कुमार (1) बुखार से और श्रावस्ती जिले के दहौरा इकौना गांव निवासी गुजरू के पांच साल का पुत्र पिंटू कई दिनों से निमोनिया से पीड़ित था। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज में कोई सुधार न दिखने पर गंभीर हालत में दोनों बच्चों को पीड़ियाट्रिक आईसीयू में रखा गया।
वहीं, शुक्रवार की देर रात दोनों बच्चों की उपचार के दौरान मौत हो गई। दोनों बच्चों की मौत से अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। इसके अलावा बुखार, डायरिया व निमोनिया से समेत कई बीमारियों से पीड़ित 13 और पीड़ित बच्चों को जिला अस्पताल स्थित बच्चों के वार्ड में भर्ती कराया गया है। बच्चाें की बिगड़ती तबीयत और निमोनिया को फैलता देख ग्रामीणों के बीच में हड़कंप मचा है। लोग सतर्कता बरतने की कोशिश कर रहे हैं।
बच्चों में निमोनिया के लक्षण
निमोनिया अचानक से एक-दो दिन में भी शुरु हो सकता है या फिर धीरे-धीरे कई दिनों में सामने आता है। कई बार यह पता लगाना मुश्किल होता है कि यह केवल अत्याधिक सर्दी-जुकाम ही है या कुछ और। खांसी निमोनिया के शुरुआती लक्षणों में से एक है।
- बुखार हो और पसीना आ रहा हो या कंपकंपी हो रही हो
- उसे बहुत ज्यादा खांसी है और गाढ़ा पीला, हरा, भूरा या खून के अंश वाला बलगम आ रहा है।
- वह आमतौर पर अस्वस्थ सा दिख रहा हो
- उसे भूख नहीं लग रही हो
- उसने पिछले 24 घंटों में अपनी सामान्य मात्रा की आधी मात्रा के तरल पदार्थों का सेवन किया हो
- सांस फूलना (सांस लेने पर मोटी, सीटी जैसी आवाज आना)
- उसके होंठ और उंगलियों के नाखून नीले हों
- वह तेज-तेज और कम गहरी सांसे ले रहा है और उसकी हंसली कॉलरबोन से उपर पसलियों के बीच की त्वचा या फिर पंजर के नीचे की त्वचा हर सांस के साथ अंदर धंस रही हो
इन स्थितियों में बच्चे को अस्पताल ले जाएं और डॉक्टरी सलाह लें।