बहराइच। पुलिस एक व्यक्ति को स्मैक के साथ उसी के घर से गिरफ्तार करती है। व्यक्ति पर NDPS Act के तहत मुकदमा दर्ज होता है। व्यक्ति को अपराधी बनाकर जिला जेल भेज दिया जाता है। आरोपी जेल से कुछ ही महीने बाद छूट जाता है और फिर से बेख़ौफ़ होकर वही काला कारोबार करने लगता है जिसके लिए उसे जेल भेजा गया था। ये कहानी आपको इसलिए सुनाई जा रही है क्यूंकि उसी अपराधी को मोतीपुर थाने की पुलिस ने शनिवार को चरस के साथ फिर गिरफ्तार किया। इस पूरे प्रकरण में सवाल बस इतना है कि आरोपी पहले जब स्मैक के साथ गिरफ्तार हुआ तो इतनी जल्दी रिहा कैसे हुआ? दूसरा बड़ा सवाल ये भी, अबकी बार गिरफ्तारी के बाद आरोपी कई सालों के लिए जेल जायेगा या फिर चंद महीनो में जमानत होगी? ये दोनों सवाल मोतीपुर पुलिस की साख़ पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
मोतीपुर पुलिस ने शनिवार को मुखबिर की सूचना पर रेलवे क्रासिंग मिहीपुरवा से 3 किलो 150 ग्राम चरस व बाइक के साथ आरोपी मुन्नालाल को गिरफ्तार किया है। कब्जे से बरामद चरस की कीमत 30 लाख बताई जा रही है। गिरफ्तार मुन्नालाल को धारा 8/20 NDPS Act के तहत मुकदमा दर्जकर जेल भेज दिया गया है। बताते चलें कि 6 महीने पहले 12 जून को इसी आरोपी मुन्नालाल को पुलिस ने स्मैक के साथ गिरफ्तार किया था। मुन्नालाल गिरफ्तार होकर सुसंगत धाराओं में जेल तो गया लेकिन चंद महीनो में रिहा हो गया। रिहा होने का बाद मुन्नालाल के भीतर कानून का खौफ खत्म हुआ और फिर से उसी काले कारोबार में संलिप्त हो गया। पुलिस ने जून में जब मुन्नालाल को गिरफ्तार किया तब मोतीपुर थाने के एसएचओ प्रमोद सिंह थे। अबकी बार एसएचओ हेमंत गौड़ के निर्देशन में आरोपी मुन्नालाल को फिर गिरफ्तार किया गया है। नशे की लत लगाकर तमाम युवाओं की जिंदगी बर्बाद कर चुके मुन्नालाल सलाखों के पीछे रहेंगे या हमारे देश का लचीला कानून व भ्रस्टाचार उसे फिर आज़ाद कर देगा, ये वक्त ही बतायेगा।
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