बहराइच। सुजौली थाना क्षेत्र के बिछिया गांव में शनिवार को हुए विवाद के बाद आज रविवार को प्रभागीय वनाधिकारी आकाशदीप बधावन व उप जिलाधिकारी मिहीपुरवा ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने ग्रामीणों के साथ बैठक कर उनकी बात सुनी। साथ ही जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया जिसके बाद ग्रामीणों ने अपना धरना खत्म कर दिया।
रविवार को डीएफओ और एसडीएम बिछिया के बाजार में पहुंचे। उन्होंने ग्रामीण का पक्ष सुना।इस दौरान वन अधिकार समिति के अध्यक्ष व बैंक संचालक पीड़ित सरोज गुप्ता डीएफओ से आपबीती कहते हुए रो पड़े। उन्होंने रेंजर, वनकर्मी और एसटीपीएफ द्वारा अभद्रता की शिकायत की। डीएफओ ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इस मामले में एक टीम द्वारा जांच कराकर कर कार्यवाही की जाएगी। जिस पर लोगों ने सहमति जाहिर करते हुए धरना प्रदर्शन को रद्द कर दिया है।
डीएफओ ने कहा कि वन विभाग ग्रामीणों के साथ है। वह स्वयं नवसृजित राजस्व गांव में विकास कार्य कराएगा। उन्होंने बताया कि वन अधिकार के लिए कार्य करने वाले सभी कार्यकर्ताओं को पूरा सम्मान और सुरक्षा दी जाएगी तथा वन संरक्षण में उनका सहयोग लिया जाएगा।
क्या हुआ था शनिवार को?
कतर्नियाघाट रेंज में चार शिकारी अवैध असलहे के साथ शिकार करते पकड़े गए थे। पूछताछ में उन्होंने बिछिया निवासी सरोज गुप्ता का नाम लिया था। इसकी जांच करने के लिए वनटीम शनिवार को पहुंची थी। आरोप है कि रेंजर के नेतृत्व में पहुंची वन टीम ने वनधिकार समिति अध्यक्ष के साथ मारपीट की और उनके ग्राहक सेवा केंद्र पर लूटपाट भी। विवाद की जानकारी होने पर मौके पर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए और वनटीम को बंधक बना लिया।
विवाद की जानकारी होने पर सुजौली थाने की पुलिस टीम मौके पर पहुंची और मामला शांत करवाया। पुलिस ने बंधक बनाए गए वनकर्मियों को छुड़वाया। इस दौरान ग्रामीणों ने वन रेंजर के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने बताया कि अध्यक्ष पर किया गया हमला पूरे वन अधिकार कानून के ऊपर हमला है। केंद्र व राज्य सरकार जहां वन निवासियों के जीवन को सुधारने के लिए प्रयास कर रही है, वहीं वन कर्मी वन निवासियों को उजाड़ने में लगे हैं।
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