सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में गाड़ी साफ करने वाला एक छोटा ला लड़का शीशा साफ करता दिखाई पड़ता है और उसके हाथ में एक स्मार्ट वॉच भी है। वीडियो बनाने वाले शख्स का दावा है कि शीशा साफ करने के बहाने लड़का उसके फास्टैग के पैसे उड़ा ले गया। जब वीडियो ज्यादा वायरल हुआ तो भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) को सफाई देनी पड़ी। NPCI ने फास्टैग के संबंध में सोशल मीडिया पर जारी अफवाहों को सिरे से नकारा है।
सोशल मीडिया पर दिखाए गए वीडियो में कहा गया था कि हाइवे पर गाड़ी चलाने वालों को सावधान रहना चाहिए क्योंकि गाड़ी के शीशे की सफाई करने के बहाने लोग फास्टैग से पैसे काट लेते हैं। वायरल हो रहे वीडियो में दिखाया जा रहा है कि एक कार से दो युवक जा रहे होते हैं। तभी रास्ते में एक छोटा लड़का आता है और कार का शीशा साफ करने लगता है। आधा शीशा साफ करने के बाद ही लड़का बिना पैसे मांगे वहां से जाने लगता है। इसके बाद वह बच्चा भाग जाता है। वायरल वीडियो में ये देखकर कार सवार एक युवक उसका पीछा करता है, लेकिन वो पकड़ में नहीं आता है। वीडियो बनाने वाले शख्स का दावा है कि इस तरह से फास्टैग से पैसे चुराने का स्कैम चला हुआ है।
सोशल मीडिया में ये वीडियो तेजी से वायरल हुआ, सोशल मीडिया पर फास्ट टैग स्कैम ट्रेंड करने लगता है। जिसके बाद इस मामले में फास्ट टैग औऱ पेटीएम की ओर बयान सामने आए हैं। FASTag ने अपने ट्विटर अकाउंट से वायरल वीडियो पर एक ट्विटर यूज़र को रिप्लाई देते हुए लिखा, ‘NETC FASTag लेनदेन केवल रजिस्ट्रेड मर्चेंट्स (टोल और पार्किंग प्लाजा ऑपरेटरों) द्वारा शुरू किया जा सकता है। जो केवल संबंधित जगहों से NPCI द्वारा ऑनबोर्ड हैं। कोई भी अनधिकृत उपकरण NETC FASTag पर कोई वित्तीय लेनदेन शुरू नहीं कर सकता है। यह बिल्कुल सुरक्षित है।
चूंकि इस मामले में Paytm का भी नाम उछाला जा रहा था तो Paytm ने भी सफाई दी। पेटीएम ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर लिखा, ‘एक वीडियो पेटीएम फास्टैग के बारे में गलत सूचना फैला रहा है, जो गलत तरीके से स्मार्टवॉच स्कैनिंग फास्टैग दिखाता है। NETC दिशानिर्देशों के अनुसार, FASTag भुगतान केवल अधिकृत व्यापारियों द्वारा शुरू किया जा सकता है, परीक्षण के कई दौर के बाद ऑनबोर्ड किया गया। पेटीएम फास्टैग पूरी तरह से सुरक्षित है।’
इसके अलावा पीआईबी एक ट्वीट के जरिए इसे फर्जी करार दिया है। पीआईबी ने साफ कहा है कि हर टोल प्लाजा का एक यूनीक कोड होता है और जैसी ट्रांजेक्शन होने का दावा वीडियो में किया जा रहा है, वैसा मुमकिन ही नहीं है।
इस वीडियो को सबसे पहले ‘बकलोल वीडियो’ नाम के फेसबुक पेज से साझा किया गया था। इस पेज के फाउंडर पंकज शर्मा ने बताया कि वायरल वीडियो जागरूकता के मकसद से बनाया गया था। हमने कई जगह सुना था कि इस तरह के स्कैम हो रहे हैं इसलिए हमने फास्टैग स्कैम पर वीडियो बनाया। वीडियो में जो शख्स घनी दाढ़ी के साथ ड्राइविंग सीट पर बैठे हैं, उनका नाम अनुभव गोलिया है।अनुभव के बगल में रितिक बैठे हैं जबकि बच्चे के बारे में मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है क्योंकि उसको अनुभव ने कास्ट किया था।’ उन्होंने बताया कि बच्चे के हाथ में दिख रहा डिवाइस एक सामान्य स्मार्टवॉच है जिसे हमने ऑनलाइन खरीदा था। यह स्क्रिप्टेड वीडियो था लेकिन लोगों को यह भ्रामक लगा इसलिए इसे पेज से हटा दिया गया है।
वैसे सोचने वाली बात ये भी है अगर इस तरह FASTag स्कैन कर Paytm से पैसे उड़ाए जा सकते हैं तो सारी गाड़ियां तो पार्किंग में ही खड़ी रहती हैं। फिर अगर किसी को चोरी करनी हो तो चाहे जब किसी की भी गाड़ी का FASTag स्कैन कर पैसे उड़ा सकता है।
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